
महामहिमामयी गौ हमारी माता है उनकी बड़ी ही महिमा है -तांत्रिक लाल बाबा
महामहिमामयी गौ हमारी माता है उनकी बड़ी ही महिमा है I वह सभी प्रकार से पूज्य है गौमाता की रक्षा और सेवा से बढकर कोई दूसरा महान पुण्य नहीं है यह बात तांत्रिक लाल बाबा ने बताई है I उन्होंने गौ माता के सन्दर्भ में निम्नांकित जानकारी दिया है .....
1. गौमाता को कभी भूलकर भी भैस बकरी आदि पशुओ की भाति साधारण नहीं समझना चाहिये गौ के शरीर में "33 करोड़ देवी देवताओ" का वास होता है I गौमाता श्री कृष्ण की परमराध्या है, वे भाव सागर से पार लगाने वाली है I
2. गौ को अपने घर में रखकर तन-मन-धन से सेवा करनी चाहिये, ऐसा कहा गया है जो तन- मन-धन से गौकी सेवा करता है. तो गौ उसकी सारी मनोकामनाएँ पूरी करती है I
3. प्रातः काल उठते ही श्री भगवत्स्मरण करने के पश्चात यदि सबसे पहले गौमाता के दर्शन करने को मिल जाये तो इसे अपना सौभाग्यमानना चाहिये I
4. यदि रास्ते में गौ आती हुई दिखे, तो उसे अपने दाहिने से जाने देना चाहिये I
5. जो गौ माता को मारता है, और सताता है, या किसी भी प्रकार का कष्ट देता है, उसकी 21 पीढियाँ नर्क में जाती है I
6. गौ के सामने कभी पैर करके बैठना या सोना नहीं चाहिये, न ही उनके ऊपरकभी थूकना चाहिये, जो ऐसा करता है वो महान पाप का भागी बनता है I
7. गौ माता को घर पर रखकर कभी भूखी प्यासी नहीं रखना चाहिये न ही गर्मी में धूप में बाँधना चाहिये ठण्ड में सर्दी में नहीं बाँधना चाहिये जो गाय को भूखी प्यासी रखता हैउसका कभी श्रेय नहीं होता.
8. नित्य प्रति भोजन बनाते समय सबसे पहले गाय के लिए रोटी बनानी चाहिये गौग्रास निकालना चाहिये.गौ ग्रास का बड़ा महत्व है I
9. गौओ के लिए चरणी बनानी चाहिये, और नित्य प्रति पवित्र ताजा ठंडा जल भरना चाहिये, ऐसा करने से मनुष्य की "21 पीढियाँ" तरजाती है I.
10. गाय उसी ब्राह्मण को दान देना चाहिये, जो वास्तव में गाय को पाले, और गाय की रक्षा सेवाकरे, यवनों को और कसाई को न बेचे. अनाधिकारी कोगाय दान देने से घोर पाप लगता है I
