
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिला अंतर्गत रामचौरा पहाड़ी के शिखर को रामचौरा धाम के रूप में विकसित किया जाय -अमरदीप मिंज
बलरामपुर रामानुजगंज जिला के तातापानी निवासी सक्रीय सामाजिक कार्यकर्त्ता अमरदीप मिंज ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर उनसे छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिला अंतर्गत रामचौरा पहाड़ी के शिखर को रामचौरा धाम के रूप में विकसित करने की मांग किया है I उन्होंने ये पत्र मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और बलरामपुर कलेक्टर को प्रेषित किया है I
सेवा में,
आदरणीय श्री भूपेश बघेल जी
माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री कार्यालय
सिविल लाइन ,रायपुर ,छत्तीसगढ़ ,पिनकोड - 492001
विषय :-छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिला अंतर्गत रामचौरा पहाड़ी के शिखर को रामचौरा धाम के रूप में विकसित किया जाय I
महोदय,
सादर अनुरोध पूर्वक आपसे हमारी मांग है कि तातापानी और रामचौरा पहाड़ी शिखर को श्रीराम सर्किट के रूप में विकसित कर इसे पर्यटक क्षेत्र का दर्जा दिया जाय I
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर (रामानुजगंज) जिला अंतर्गत एनएच-343 पर तातापानी अवस्थित है I यहाँ पौराणिक काल से भगवन शिव यानि भोलेनाथ और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की पूजा अर्चना होती है I यहाँ चार सौ साल पुरानी शिवमंदिर है I तातापानी बलरामपुर जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित है I यहाँ प्राकृतिक रूप से धरती की कोंख से गर्म जल की धाराएं निकलती है I तातापानी प्राकृतिक भूगर्भ गर्म जलधारा धारा
के लिए प्रसिद्ध है। यहां के कुण्डों व झरनों में धरातल से बारह माह गरम पानी प्रवाहित होता है I स्थानीय भाषा में ताता का मतलब गरम और जल का मतलब पानी इसीलिए इस स्थल का नाम तातापानी रखा गया है। यहां ऐसी मान्यता है कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम वनगमन के समय रामचौरा पहाड़ी के शिखर पर माता सीता और अनुज लक्ष्मण के साथ प्रवास के समय खेल खेल में यानि अटखेली के क्रम में माँ सीता जी की ओर पथ्थर फेका जो की सीता मां के हाथ में रखे गरम तेल के कटोरे से जा टकराया। गरम तेल छलक कर धरती पर गिरा एवं जहां जहां तेल की बूंदें पडी वहां से गरम पानी धरती से फूटकर निकलने लगा।
रामचौरा पहाड़ी के शिखर से तातापानी सामने उत्तर दिशा में पड़ता है और रामचौरा पहाड़ी के शिखर पर समतल भाग है I साथ ही साथ पहाड़ी के शिखर पर शिवलिंग की ब्यास में काफी चौड़ा पत्थर है जिसको शिवलिंग के रूप में आसपास के लोगों द्वारा पूजा अर्चना किया जाता है I स्थानीय लोकोक्ति कथानक यह भी है कि इस पहाड़ी पर स्वयं शिव भी कभी विराजमान थे I जन श्रुति के अनुसार रामचौरा पहाड़ी के शिखर पर जिस समय शिव विराजमान थे तभी भगवान् श्रीराम माता सीता और अनुज लक्ष्मण के साथ वनगमन के समय विराजमान हुए थे I रामचौरा पहाड़ी की शिखर की समतल भाग से जलधारा प्रवाहित होती है जो लुरघुठा गांव की ओर गिरती है वहां का दृश्य मनमोहक है I बरसात में रामचौरा पहाड़ी की शिखर की समतल भाग की जलधारा लुरघुठा गांव की ओर गिरता है आगे बढ़कर उस जल प्रवाहित स्त्रोत को राजबंधा डैम के रूप में विकसित किया गया है I राज्य सरकार इसको आकर्षक बोटिंग स्पॉट के रूप में विकसित कर सकती है तो यह पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करेगा I राजबंधा डैम का सौंदर्यीकरण और रेतीली जमीन का गहरीकरण करके इसे आकर्षक मनोहारी बनाया जा सकता है I
रामचौरा पहाड़ी के शिखर की जो जलधाराएं लुरघुठा गांव की ओर गिरती है उस मनोहारी जगह पर भोलेनाथ का मूर्ति जिसमें उनकी जटा से गंगा प्रवाहित दिखती हो बनाकर उसे रमणीक बनाया जा सकता है I वहां औषधीय पौधों की बाटिका बनाने के लिए भी प्रयाप्त वनभूमि है जिसे आकर्षक बनाया जा सकता है I
स्थानीय लोग यहां की धरती को अत्यंत हीं पवित्र मानते हैं I रामचौरा पहाड़ी की शिखर पर चढ़ने के लिए लुरघुठा गांव की ओर से कम खर्च में सुगम रास्ता बनाया जा सकता है I साथ हीं साथ वहां से तातापानी पर्यटन परिसर को पहले से बनी सड़क से जोड़कर पर्यटकों को आकर्षित करने योग्य बनाया जा सकता है I जिला प्रशासन रामचौरा पहाड़ी पर राजबंधा गाँव के आगे जाकर जो शिखर पर पहुंचने का रास्ता बनाने का प्लानिंग कर रहा है वह काफी खर्चीला वास्तु शास्त्र के विपरीत साथ ही साथ खतरनाक भी है क्योंकि उस तरफ से शिखर पर चढ़ना पर्यटकों के लिए कष्टकर होता है साथ ही साथ शिखर पर जाने वाले पर्यटकों की दुर्घटना होने कि संभावना भी अधिक है एवं तंदुरुस्त आदमी को भी उधर से चढ़ने में काफी परिश्रम करना होता है जबकि लुरघुठा गांव की ओर से शिखर पर पहुँचाना आसान है I
तातापानी के भूगर्भ गर्म जल से स्नान करने से सभी चरम रोग खत्म हो जाते हैं। इस अद्भुत दृश्य को देखने एवं गरम पानी का मजा लेने प्रदेशभर से लोग यहां आते हैं। यहाँ तक कि आसपास के राज्य झारखण्ड बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग भी आते हैं I यहां के शिव मंदिर में लगभग चार सै वर्ष पुरानी मूर्ति स्थपित है जिसकी पूजा करने हर वर्ष मकर संक्रान्ति के पर्व पर लाखों की संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। इस दौरान यहां विशाल मेला आयोजित किया जाता है जिसमें पर्यटक झूलों, मीना बज़ार व अन्य दूकानों का मज़ा लेते हैं I
तातापानी छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में स्थित एक पर्यटन स्थल है। इस स्थान में आठ से दस प्राकृतिक गर्म जल के कुन्ड है इसके अलावा यहाँ एक विशाल शिव जी की प्रतिमा है जिसे जिला प्रशासन द्वारा बनवाया गया है। यहाँ स्थित गर्म जल कुंड से निकलने वाला पानी इतना गर्म होता है की चावल, अंडे, आलू तक उबाल सकते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस क्षेत्र में सल्फर कि मात्रा अधिक है इसी वजह से यहाँ से निकलने वाला पानी गर्म होता है। यहाँ हर वर्ष मकर संक्रांति के अवसर पर तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है।
यहां के स्थानीय लोगों के द्वारा मान्यता है कि भगवान श्रीराम जी के द्वारा खेल खेल में सीता जी की ओर पत्थर फेका जो सीता माता के हाथ में रखे गर्म तेल के कटोरे से जा टकराया और गर्म तेल जमीन में गिर गया तब से गिरे हुए तेल के स्थान पर गर्म पानी निकलने लगा। एक और मान्यता यह भी है कि भगवान शिव और अन्य देवी देवता भी इस पवित्र भूमि पर आये तो उन्होंने नहाने के लिए गर्म जल कुंड का निर्माण किया और इसी मान्यता के कारण यहां हर वर्ष मकर संक्रान्ति त्यौहार में मेला लगता है तब लाखों की संख्या में लोग आते हैं और मेले के साथ तातापानी के गर्म जल श्रोत का आंनद लेते हैं l मान्यता है कि यहां के गर्म पानी से और मिट्टी से चर्म रोग दूर हो जाते है इस वजह से कई सारे चर्मरोगी यहां के पानी में स्नान करने पहुंचते हैं।
छत्तीसगढ़ शासन को सरगुजा संभाग के इस अत्यंत रमणीक स्थान को श्रीराम सर्किट के रूप में विकसित कर राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय मानचित्र पर पर्यटन क्षेत्र के रूप में स्थापित करना चाहिए I यहाँ पर्यटन की ापर संभावनाएं हैं I स्थानीय लोगों को इससे रोजगार भी मिलेगा साथ ही साथ इस क्षेत्र का समग्र विकास का मार्ग प्रसस्त होगा I
छत्तीसगढ़ शासन को छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिला अंतर्गत रामचौरा पहाड़ी के शिखर को रामचौरा धाम के रूप में विकसित करना चाहिए I
भवदीय
अमरदीप मिंज
सामाजिक कार्यकर्ता
ग्राम एवं ग्रामपंचायत -तातापानी
जिला -बलरामपुर (रामानुजगंज ) छत्तीसगढ़
मोबाइल नंबर - 6262299094
