रिश्ते में ‘’गौतम अडाणी’’ के समधी लगते हैं... गुटका किंग से पेन किंग बने विक्रम कोठारी

रिश्ते में ‘’गौतम अडाणी’’ के समधी लगते हैं... गुटका किंग से पेन किंग बने विक्रम कोठारी


जिन पर है 3500 करोड़ रु. हड़पने का आरोप 

नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक को साढ़े ग्यारह हजार का चूना लगाने वाले नीरव मोदी के बाद अब रोटोमैक पेन के विक्रम कोठारी पर भी घोटाले की स्याही पोतने का आरोप है. विक्रम कोठारी पर सात बैंकों के साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए हड़पने का आरोप है.दरअसल सोशल मीडिया पर रोटोमैक घोटाले का अडाणी कनेक्शन पेश किया जा रहा है. दावा है कि पेन किंग विक्रम कोठारी की बेटी की शादी गौतम अडाणी के भतीजे से हुई है. इस रिश्तेदारी को साबित करने के लिए वॉट्सऐप पर एक चार्ट घूम रहा है.
क्या बता रहा है वायरल चार्ट?
रिश्तों का कनेक्शन पेश करते इस चार्ट के मुताबिक कानपुर के पेन किंग विक्रम कोठारी रिश्ते में गौतम अडाणी के समधी लगते हैं. चार्ट में सबसे ऊपर साढ़े तीन हजार करोड़ के घोटाले के आरोपी विक्रम कोठारी का नाम है. चार्ट के मुताबिक विक्रम कोठारी की बेटी की शादी प्रणव से हुई है. प्रणव विनोद अडाणी का बेटा है और विनोद अडाणी उद्योगपति गौतम अडाणी के भाई हैं. यानि दावे के मुताबिक विक्रम कोठारी की बेटी की शादी गौतम अडाणी के भतीजे प्रणव अडाणी से हुई है.
एबीपी न्यूज़ चैनल ने की वायरल चार्ट और दावे की पड़ताल
वायरल मैसेज में रोटोमैक पेन कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी की बेटी का रिश्ता प्रणव अडानी से जोड़ा जा रहा था. वायरल मैसेज में विक्रम कोठारी की बेटी का नाम तो नहीं था लेकिन बेटी की शादी जिससे हुई है उसका यानि प्रणव अडानी का नाम था. हमने इंटरनेट पर प्रणव अडानी के चेहरे और पहचान की तलाश की.
इंटरनेट पर प्रणव अडानी के बारे में ढूंढना शुरू किया तो पता चला कि प्रणव अडानी, अडानी विलमर लिमिटेड नाम की कंपनी के एमडी यानी मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. पड़ताल में आगे पता चला कि अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी के बड़े भाई का नाम विनोद अडानी है और विनोद अडानी के बेटे का नाम प्रणव अडानी है. इसका मतलब प्रणव अडानी गौतम अडाणी के भतीजे हैं.
एबीपी न्यूज़ विक्रम कोठारी की बेटी का नाम पता किया. हमें पता चला कि नम्रता कोठारी रोटोमैक घोटाले वाले विक्रम कोठारी की बेटी है. फेसबुक पर हमें नम्रता कोठारी का प्रोफाइल मिला. फेसबुक प्रोफाइल पर नम्रता का नाम नम्रता अडाणी लिखा हुआ था. प्रोफाइल पर उनकी और प्रणव अडानी की कई तस्वीरें साथ थीं. यहां ये साफ हो गया कि अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी के भतीजे प्रणव अडानी की शादी रोटोमैक घोटाला करने वाले विक्रम कोठारी की बेटी नम्रता से हुई है.
इंटरनेट पर मौजूद तमाम सबूत शादी की गवाही दे रहे थे लेकिन सिर्फ इंटरनेट के भरोसे सच और झूठ की मुहर लगाना ठीक नहीं था. एबीपी न्यूज़ ने अपनी पड़ताल जारी रखी. पड़ताल में एबीपी न्यूज को विक्रम कोठारी के एक दोस्त मिले जिन्होंने विक्रम कोठारी और अडाणी परिवार के बीच रिश्तेदारी की पूरी कहानी नाम ना बताने की शर्त पर बताई.
क्या है कोठारी और अडाणी परिवार के बीच रिश्तेदारी पूरी कहानी?
कोठरी के पार्टनर रहे एक बिल्डर ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि साल 2001 में विक्रम कोठारी की बेटी नम्रता कोठरी की शादी अड़ानी समूह के गौतम अदानी के भाई विनोद के बेटे प्रणव अदानी के साथ हुयी. ये शादी अपने वैभव के लिए चर्चा में रही और गौतम अदानी से सम्बंध के बाद कोठरी का रूतबा और बढ़ गया, जिससे बैंक के बड़े अधिकारी धौंस में आ जाते थे.
क्या है वायरल सच की पड़ताल का नतीजा
यानि ये सच है कि गौतम अडाणी के भतीजे से साढ़े तीन हजार करोड़ के घोटाले के आरोपी विक्रम कोठारी की बेटी की शादी हुई. लेकिन जिस मकसद के साथ ये मैसेज सोशल मीडिया पर परोसा गया है वो गलत है क्योंकि अब तक की जांच में विक्रम कोठारी की बेटी या फिर उनके दामाद प्रणव अडाणी का नाम सामने नहीं आया है.
 
ये भी हैं गुजराती ! मगर, 
अभी "कनपुरिया" साबित करने में लगे हैं विक्रम कोठारी
"मैं कानपुर का निवासी हूँ ! कानपुर में हूँ ! और कानपुर में ही रहूँगा !"
विक्रम कोठारी की ये बाइट सोमवार को दिन भर टीवी पर चली है. बैंकों से अरबों के कर्जदार विक्रम कोठारी आखिर क्यों बार-बार खुद को कनपुरिया साबित करने में लगे हुए थे ? 
क्या इन्हें कहा गया है कि ख़ुद को "गुजराती" न बताएं ?
ये बताना नहीं चाहते कि इनके बाबूजी "गुटका किंग" मनसुख भाई कोठारी गुजरात के नरेली ज़िले से आकर कानपुर बस गए थे. और "पान पराग" बनाना शुरू किया था. 90 साल के मनसुखभाई की मृत्यु 27 नवम्बर 2015 को अहमदाबाद के अस्पताल में हुई थी. मनसुख भाई की मृत्यु के बाद उनके दोनों बेटे विक्रम और दीपक कोठारी ने अपना कारोबार अलग-अलग कर लिया था.
विक्रम कोठारी पर इलाहाबाद बैंक से ब्याज मिलाकर कर्ज करीब 352 करोड़ रुपये और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से यह रकम तकरीबन 485 करोड़ रुपये है। कुछ और बैंकों से भी अरबों रुपये का कर्ज लिया गया था। कोठारी ने कहा कि बैंकों से लिए गए कर्ज का केस नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के पास है। इलाहाबाद बैंक के रिकवरी इंचार्ज राजेश गुप्ता का कहना है कि रोटोमैक कंपनी के मालिक पर 352 करोड़ रुपये का लोन था और उनकी संपत्ति जब्त की जा रही है।

देश की सम्पदा लूटने वाले भगौड़ों के खिलाफ़ कोई कार्रवाई करने 
में सरकार अपनी मज़बूरी बता रहीं है लेकिन देश में ही ऐसे कोठारी 
और कितने माल्या- मोदी मौजूद है जिनके विरुद्ध भी कोई एक्शन 
नहीं लिया गया है.बैंक फ्राड के मामलों में भी भारी बढ़ोतरी हुई है. 
रिजर्व बैंक और पंजाब नेशनल बैंक की भी कोई जाँच नहीं हुई है 
तीन साल पहले की एक और पोस्ट  21-2-18
बैंक अधिकारियों के संघ ने पीएनबी घोटाले में 
आरबीआई  की भूमिका की जांच की मांग की 
मुंबई: ऑल इंडिया बैंक आॅफिसर्स एसोसिएशन ने मांग की है कि पीएनबी धोखाधड़ी मामले में इस बैंक के बोर्ड व केंद्रीय बैंक- भारतीय रिजर्व बैंक की भूमिकाओं की भी जांच होनी चाहिए.एसोसिएशन ने एक बयान में कहा है कि पीएनबी मामले में घपला इतने साल तक निर्बाध कैसे चलता रहा यह पता लगाने के लिए पीएनबी के बोर्ड व आरबीआई के स्तर पर संभावित चूकों की जांच भी होनी चाहिए.उल्लेखनीय है कि पीएनबी इस समय 11,400 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले के कारण चर्चा में है. अनेक एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अधिकारियों ने पंजाब नेशनल बैंक में हुए घोटाले को पकड़ पाने में असफल रहने के लिए विदेशी विनिमय के ऑडिट में निगरानी की कमी के लिए बैंकों के राष्ट्रीय नियामक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को दोष दिया है.
मंगलवार को जारी एक बयान में ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) ने कहा कि विदेशी विनिमय व्यापार करने वाली अधिकृत शाखाओं के विदेशी विनिमय का समय-समय पर ऋणदाता द्वारा और आरबीआई द्वारा ऑडिट होता है.
संघ ने कहा कि एक राष्ट्रीय बैंक की शाखा में सामान्यत: सात ऑडिट होते हैं, आंतरिक ऑडिट, समवर्ती ऑडिट (कॉनकरंट ऑडिट), स्नैप ऑडिट, वसूली  ऑडिट, सांविधिक ऑडिट (स्टेच्युटरी ऑडिट), बाह्य ऑडिट और स्टॉक ऑडिट.
बयान में कहा गया, ‘अगर पीएनबी ने अपनी केंद्रीय बैंकिंग व्यवस्था (सीबीएस) से स्विफ्ट सिस्टम नहीं जोड़ा, तो इसके लिए पूरे बैंकिंग व्यवस्था को दोष देना बिल्कुल गलत और अन्यायपूर्ण है.’
संघ ने कहा कि पंजाब नेशनल बैंक के बोर्ड  में बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट के तहत आरबीआई और सरकार के प्रतिनिधि भी थे. जवाहरात और आभूषणों के साथ-साथ विदेशी विनिमय की जोखिम सीमा समय-समय पर इस बोर्ड को रिपोर्ट की जाती है. फिर कैसे उच्चतम स्तर पर सब चलता रहा और आरबीआई मूकदर्शक बना रहा. यह जांच का विषय है
साभार :-पुर्नेंदु शुक्ला ,जर्नलिस्ट ,सदस्य सुप्रीम कोर्ट मोनिटरिंग कमिटी गैस पीड़ित के फेसबुक वाल से 

 

रिश्ते में ‘’गौतम अडाणी’’ के समधी लगते हैं... गुटका किंग से पेन किंग बने विक्रम कोठारी