वर्ण व्यवस्था एवं जातिप्रथा की विकृति –परिणामतः जातिवाद-छुआछूत जो अब बन गया एक अभिशाप
आलेख :- रमेश कुमार चौबे वर्ण व्यवस्था हिन्दू धर्म में प्राचीन काल से चले आ रहे सामाजिक गठन का अंग है, जिसमें विभिन्न समुदायों के लोगों का काम निर्धारित होता था ।..
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